गाजियाबाद। देश में आजकल साइबर अपराध लगातार बढ़ता जा रहा है सरकार तथा गैर सरकारी संस्थाएं लगातार विभिन्न तरीके से इस अपराध से बचने के लिए जागरूकता अभियान चला चला कर आम लोगों को जागरुक कर रहे हैं लेकिन इस अपराध में अब बढ़ चढ़कर बैंक कर्मी भी हिस्सा ले रहे हैं।
मास को-ऑपरेशन एनजीओ के राष्ट्रीय अध्यक्ष तौसीफ हाशमी ने बताया कि उनको सीमा नामक महिला ने बताया कि उन्होंने पीएनबी मेटलाइफ इंश्योरेंस शाखा घंटाघर गाजियाबाद से एक पॉलिसी एजेंट निशा वर्मा से कराई थी निशा वर्मा ने पॉलिसी करते वक्त बताया कि आपको हर वर्ष 29000 रुपए 7 साल तक जमा करने हैं मैं बताई गई शर्तो के अनुसार पैसे जमा करती रही कुछ दिन बाद निशा ने कहा कि अगर आपको जल्दी पैसे वापस चाहिए तो डबल किस्त जमा करनी शुरू कर दो जिसे मानते हुए मैंने मात्र 5 साल में ही ₹2,10,000 जमा कर दिए। जिसका मुझे लाभ मिलना चाहिए था लेकिन कोई लाभ नहीं मिला।
15 जुलाई 2024 को पीड़ित महिला अपनी पॉलिसी का भुगतान लेने के लिए शाखा में गई तो वहां पर तैनात कर्मचारी अरविंद ने कहा कि आपकी पॉलिसी में कोई जमा राशि नहीं है पीड़िता ने जब जमा राशि की रसीद दिखाएं तो उसे हेड ऑफिस नोएडा जाने के लिए कहा गया पीड़ित महिला हेड ऑफिस गई और वहां पर तैनात अंकिता मैडम से मिली अंकिता मैडम ने सब कागजात देखकर कहा कि आपकी तो दो और पॉलिसी चल रही है और उसी में आपकी रकम जमा हुई है पीड़िता ने कहा कि मुझे तो उक्त पॉलिसी की कोई जानकारी नहीं है यह कैसे हुई तो अंकिता मैडम ने पीड़िता को सारी डिटेल दी और कहा यह पॉलिसी निशा वर्मा के कहने पर की गई है आपके साथ तो धोखा हुआ है पीड़िता ने कहा आप मेरी जमा राशि मुझे दे दो तो अंकिता मैडम ने कहा उक्त पॉलिसी अब 10 वर्षों के लिए की गई है उससे पहले आपको नहीं मिल सकती अगर आपको चाहिए तो आपकी जमा की हुई समस्त जमा राशि की आधी रकम आपको अदा की जाएगी पीड़िता ने अपने साथ हुई धोखाधड़ी की शिकायत पुलिस सहित बैंक मैनेजर से की लेकिन कोई भी कार्यवाही नहीं की गई इसके बाद पीड़िता ने मास को-ऑपरेशन एनजीओ के अध्यक्ष तौसीफ हाशमी से शिकायत की श्री हाशमी के हस्तक्षेप के बाद थाना कोतवाली में एजेंट निशा वर्मा, तथा उसका सहयोग करने वाले अभिषेक, सन्नी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।