गाज़ियाबाद। भूमि किटटी पार्टीज के संचालन करने वाले इंस्पेक्टर नेत्रपाल एवं उसकी पत्नी अनीता उर्फ नीतू के खिलाफ पुलिस ने लंबी जद्दो जहद के बाद मुकदमा तो दर्ज कर लिया लेकिन अपने सहपाठी को बचाने के लिए एफआईआर मैं लंबा घालमेल कर दिया। शिवांगी अग्रवाल पत्नी अवनीश अग्रवाल ने उक्त आरोपियों के विरुद्ध जो तहरीर दी थी उसकी जांच एंटी करप्शन सेल द्वारा 6 महीने तक की गई इसके बाद उनके विरुद्ध मुकदमा भी दर्ज कर लिया लेकिन एफआईआर में इंस्पेक्टर की पत्नी को इंस्पेक्टर दिखाया गया है जबकि शामली में तैनात इंस्पेक्टर नेत्रपाल को सामान्य व्यक्ति, लिखा गया है ।ऐसा लगता है कि जैसे यह एक सोची समझी साजिश का हिस्सा है जिससे कोर्ट में आरोपी को लाभ मिल सके। और भ्रष्ट इंस्पेक्टर नेत्रपाल के विरुद्ध कोई विभागी कार्यवाही भी ना हो सके उक्त प्रकरण मैं पुलिस पर इंस्पेक्टर नेत्रपाल का कितना दबाव था इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पुलिस ने जांच के एक महीने बाद तक एफआईआर दर्ज नहीं की थी। बल्कि पुलिसकर्मी पीड़िता पर दबाव बना रहे थे कि तहरीर से नेत्रपाल का नाम काट दो उसके बाद आपकी रिपोर्ट दर्ज होगी। शिवांगी अग्रवाल ने मास को-आपरेशन एनजीओ के पदाधिकारियों की मदद से श्री अजय कुमार मिश्रा पुलिस आयुक्त गाजियाबाद से मिलकर शिकायत की तब कहीं जाकर पुलिस द्वारा पीड़िता की एफआईआर दर्ज की गई।
अब इस संबंध में पीड़िता ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महाराज जी सहित कई बड़े आलाधिकारियों एवम मास को-ऑपरेशन एनजीओ के राष्ट्रीय अध्यक्ष से गुहार लगाकर आरोपी तथा उन्हें बचाने वाले पुलिस कर्मियों के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की है। एनजीओ के अध्यक्ष तौसीफ हाशमी ने कहा कि नेत्रपाल सिंह इंस्पेक्टर जो शामली में तैनात हैं वह अपनी पत्नी के साथ मिलकर किट्टी पार्टी के नाम पर गोरख धंधा चलाते थे और इन्होंने लगभग 300 लोगों के साथ धोखाधड़ी कर करोडो रुपए की प्रॉपर्टी बनाई है जिस पर हम उनकी संपत्ति की जांच करने के लिए संबंधित अधिकारियों से जल्दी मिलेंगे और इनको नौकरी से बर्खास्त करने की मांग भी माननीय योगी आदित्यनाथ जी से स्वयं मिलकर करेंगे।