गाज़ियाबाद। शिक्षा के मुद्दे को लेकर सरकार कितनी खौफजदा है इसका उदाहरण आज एक बार फिर देखने को मिला, जब हर बार की तरह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के आगमन से पहले ही गरीब बच्चो के लिए शिक्षा की आवाज उठाने वाली गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन की अध्यक्ष सीमा त्यागी को उनके सेक्टर 23 , संजय नगर स्थित आवास पर सुबह ही पुलिस प्रशासन द्वारा नजरबंद कर दिया गया। पुलिस प्रशासन की 7 घंटे की नजर बंदी मुख्यमंत्री के गाजियाबाद से विदा होने तक चली जीपीए की अध्यक्ष सीमा त्यागी ने कहा कि मुझे मुख्यमंत्री के आने से पहले ही नजरबंद करना दिखाता है कि प्रदेश सरकार शिक्षा माफियाओं के दबाव में काम कर रही है पूरे प्रदेश के अभिभावकों में उत्तर प्रदेश सरकार की इस तानाशी नजरबंदी के खिलाफ रोष व्याप्त है में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जी से पूछती हूं कि क्या गरीब बच्चो के लिए शिक्षा की आवाज उठाना, प्राइवेट स्कूलों की किताब कॉपी यूनिफॉर्म स्टेस्नरी जूते मोजे और मोटी फीस के नाम पर की जा रही लूट पर अंकुश लगाने की आवाज उठाना, एक देश एक शिक्षा एक बोर्ड के गठन की आवाज उठाना गुनाह है आखिर क्यों हर बार मुख्यमंत्री के आगमन से पहले ही शिक्षा के मुद्दे का समाधान करने की बजाय मुझे हाउस अरेस्ट करने पुलिस उनके घर पहुंच जाती हैं क्या शिक्षा के मुद्दे से मुख्यमंत्री इतने भयभीत हैं?
ये नजरबंदी गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन के क्रांतिकारी सिपाहियों के हौसले को परास्त नहीं कर सकती हम देश के प्रत्येक बच्चे को सस्ती और सुलभ शिक्षा के सपने को साकार करने के लिए ऐसे ही लड़ते रहेंगे।