गाजियाबाद। अंबेडकर रोड पर ई-रिक्शा पर पुलिस विभाग के प्रतिबंध के आदेश के विरोध में सत्तारूढ़ पार्टी के एक चुने हुए जनप्रतिनिधि का बयान “कमिश्नरेट में ताला लगा देंगे” दुर्भाग्यपूर्ण है। यह बयान ईमानदार, लोकप्रिय, अपने कार्य के प्रति समर्पित, साफ छवि वाले माननीय पुलिस आयुक्त के अधिकार क्षेत्र को चुनौती देता है और समाज में अराजकता फैलाने वाला है। यह बयान बातचीत की बजाय धमकी वाला है और इसकी भाषा ट्रेड यूनियन के लीडर की है ना कि एक जनप्रतिनिधि की। हर विषय का हल बातचीत से निकलता है, जैसा इस विषय में भी हुआ है। एक सामाजिक विषय पर यह बयान उनके माननीय पुलिस आयुक्त के प्रति व्यक्तिगत पूर्वाग्रह को दर्शाता है। मैं और मेरा संगठन इस गैर जिम्मेदाराना बयान की निंदा करते हैं।