गाजियाबाद की योग साधिकाओं ने इंडिया गेट पर 51 मिनिट में 51 चक्र सूर्य नमस्कार कर लाभ बताये

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By Pawan Sharma

गाजियाबाद (सुशील कुमार शर्मा)। 29 सितम्बर रविवार  प्रातःकाल 6:30 बजे से 7:30 बजे तक लगभग 34 योग साधिकायें जिनकी उम्र लगभग 12 से 70 वर्ष थी, इंडिया गेट, नई दिल्ली पहुंची। यह सभी साधिकायें योग गुरु रेनू तेवतिया और अर्चना शर्मा के नेतृत्व में राजनगर एक्सटेंशन की के.डब्ल्यू. सृष्टि सोसाइटी से एक बस से वहां पहुंची थी। जिनमें-आरती सिन्हा, अलका गुप्ता, अपर्णा, अरुणा नैय्यर, दीपिका मलिक, गुड्डी, मीनू त्यागी, मनीषा गुप्ता, महिमा त्यागी, प्रीति यादव, कमलेश चौधरी, रीना, रेनू गर्ग, रेखा,रुचि त्यागी, रीता त्यागी, सरोज यादव, शांताअजय, संयोगिता त्यागी, स्मिता, शिवा मिश्रा,सुमन सिंह, टिशा त्यागी, रिद्धि गुप्ता , रेशु,श्वेता , दीपा वर्मा नीतान्या अरोडा, प्राची,शैली, अपूर्वा  त्यागी व आशी गुप्ता  शामिल थी। इन्होने राजधानी के राजपथ पर इंडिया गेट के  मैदान में 51 मिनट में सूर्य नमस्कार के 51 चक्र का प्रदर्शन किया और सूर्य नमस्कार   के लाभों की जानकारी से  अवगत कराया।

इस अवसर पर योग गुरु अर्चना शर्मा ने बताया कि सूर्य नमस्कार सूर्य देव को सम्मानित करने का एक तरीका है जिन्हें ऊर्जा और जीवन शक्ति का स्रोत माना जाता है। सूर्य नमस्कार लचीलापन, शक्ति और समग्र फिटनेस को बेहतर बनाने में मदद करता है। यह मानसिक ध्यान को भी बढ़ता है और तनाव को कम करता है। इसका नियमित अभ्यास शारीरिक और मानसिक संतुलन को बनाये रखने में मदद करता है। उन्होने बताया कि सूर्य नमस्कार 12 योगासनों को मिलाकर बनाया गया है इसके हर एक आसान का अपना महत्व है। इसे करने वालों का कार्डियोवस्कुलर स्वास्थ्य अच्छा रहता है, साथ ही शरीर में खून का संचार भी दुरुस्त होता है। सूर्य नमस्कार के जरिए आप अपना तनाव कम कर सकते हैं और इससे शरीर को डिटॉक्स करने में मदद मिलती है। सूर्य नमस्कार शुरू करने के कुछ ही समय के भीतर आप अपनी शारीरिक और मानसिक स्थिति में काफी अंतर पाएंगे।
उन्होने सूर्य नमस्कार के फायदों से  भी  अवगत कराया। उन्होने कहा कि इससे आपका स्वास्थ्य निखरता है। सूर्य नमस्कार को डेली रूटीन में शामिल कर सही तरीके से किया जाए तो आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आएगी। 12 आसनों के दौरान गहरी सांस लेनी होती है जिससे शरीर को फायदा होता है। सूर्य नमस्कार के दौरान उदर के अंगों की स्ट्रेचिंग होती है जिससे पाचन तंत्र सुधरता है। जिन लोगों को कब्ज, अपच या पेट में जलन की शिकायत होती है उन्हें हर सुबह खाली पेट सूर्य नमस्कार करना फायदेमंद होगा। उन्होने कहा कि सूर्य नमस्कार करने से पेट कम होता है।आसनों से उदर की मांसपेशी मजबूत होती है। अगर इन्हें रेगुलर किया जाए तो पेट की चर्बी कम होती है।आसनों के दौरान साँस खींचने और छोड़ने से फेंफड़े तक हवा पहुंचने से  खून तक ऑक्सीजन पहुंचती है जिससे शरीर में मौजूद कार्बन डाइऑक्साइड और बाकी जहरीली गैस से बाहर निकल जाती हैं।

सूर्य नमस्कार करने से स्मरण शक्ति बढ़ती है और नर्वस सिस्टम शांत होता है जिससे आपकी चिंता दूर होती है । सूर्य नमस्कार से एंडोक्राइन ग्लैंड्स खासकर थॉयरायड ग्लैंड की क्रिया नॉर्मल होती है। सूर्य नमस्कार के आसन से पूरे शरीर का वर्कआउट होता है. इससे शरीर फ्लेक्सिबल होता है। अगर किसी महिला को अनियमित मासिक चक्र की शिकायत है, तो सूर्य नमस्कार के आसन करने से परेशानी दूर होगी। इन आसनों को रेगुलर करने से बच्चे के जन्म के दौरान भी दर्द कम होता है। सूर्य नमस्कार के दौरान स्ट्रेचिंग से मांसपेशी और लीगामेंट के साथ रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है और कमर लचीली होती है। उन्होने कहा कि सूर्य नमस्कार करने से चेहरे पर झुर्रियां देर से आती हैं और स्किन में ग्लो आता है। सूर्य नमस्कार करने से आप जितनी तेजी से वजन कम कर सकते हैं, उतनी जल्दी डायटिंग से भी फायदा नहीं होता। अगर इसे तेजी से किया जाए तो ये आपका बढ़िया कार्डियोवस्कुलर वर्कआउट हो सकता है।
सूर्य नमस्कार कौन न करे इसकी भी उन्होने जानकारी दी। गर्भवती महिला तीसरे महीने के गर्भ के बाद से इसे करना बंद कर दें। हर्निया और उच्च रक्ताचाप के मरीजों को सूर्य नमस्कार बहुुत तेजी से और बहुुत सारे चक्र एक साथ नहीं करना चाहिए।  पीठ दर्द की समस्या से ग्रस्त लोग सूर्य नमस्कार शुरू करने से पहले उचित सलाह जरूर लें। उन्होने कहा कि महिलाएं पीरियड के दौरान सूर्य नमस्कार ना करें।

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