डासना देवी मंदिर पर इस्लामिक कट्टरपंथियों का हमला, सनातनी संगठनों की सख्त कार्रवाई की मांग

Photo of author

By Pawan Sharma

गाजियाबाद। डासना स्थित प्राचीन देवी मंदिर पर शुक्रवार की रात हुए इस्लामिक कट्टरपंथियों के हमले के बाद देश और प्रदेश भर के सनातनियों का मंदिर पर आना और हमला करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करने के सिलसिला जारी है। शनिवार को लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर भी मंदिर पहुंचे। उन्होंने मंदिर पर हुए इस्लामिक कट्टरपंथियों के हमले को सनातन पर हमला बताते हुए पुलिस से उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है। वहीं, मंदिर समिति ने भी पुलिस कमिश्नर से मुलाकात करके मंदिर पर हमला करने वाले इस्लामिक कट्टरपंथियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। इसके अलावा मेरठ, मुजफ्फरनगर से भी कई डेलीगेशन मंदिर पहुंचे। हिन्दूवादी नेताओं ने पुलिस की ओर से इस्लामिक कट्टरपंथियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं किए जाने पर मंदिर पर महापंचायत का ऐलान किया है।

लोनी विधायक नन्दकिशोर गुर्जर को मीडिया बाईट देते हुऐ

शनिवार को डासना स्थित प्राचीन देवी मंदिर पहुंचे लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने मंदिर पर हमले के दौरान की गई पुलिस कार्रवाई को बेहद हल्का बताया। उन्होंने कहा कि पुलिस ने इस्लामिक कट्टरपंथियों को बचाने के लिए केवल हल्की लाठियां भांजी थी जबकि यह सनातन पर हमला है और इस तरह का हमला सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि महंत जी ने जो कुछ भी कहा वह देश में हो रही बेटियों की हत्याओं और बांग्लादेश में हुए हिन्दुओं के नरसंहार के आवेश में कहा था, जिसके संबंध में एफआईआर दर्ज करके पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया है। लेकिन, मंदिर पर इस्लामिक कट्टरपंथियों का हमला बेहद गंभीर विषय है। इस हमले में रोहिंग्या और बांग्लादेशी इस्लामिक कट्टरपंथी शामिल हैं, जो देश में दंगे फैलाना चाहते हैं और देश को सौहार्द को खत्म करना चाहते हैं। स्थानीय मुसलमान तो राम को मानने वाले हैं। उन्होंने कहा कि इस्लामिक कट्टरपंथियों के लिए भारत में कोई स्थान नहीं है। मंदिर पर हमला करने वाले इस्लामिक कट्टरपंथियों पर पुलिस को गोली चलानी चाहिए थी। हम इसकी व्यवस्था करेंगे कि जिन इस्लामिक कट्टरपंथियों ने मंदिर पर हमला किया है, वह भविष्य में इस तरह की कोई हरकत करने के बारे में सोच भी न सकें। उन्होंने कहा कि यह मंदिर महाभारत काल के समय का है, यहां पांडवों और भगवान परशुराम ने भी मां की पूजा की थी। इस मंदिर पर हुए हमले को सनातन पर हमला माना जाए। भारत संविधान से चलेगा न कि कट्टरपंथियों की सोच से। जो महंत जी ने कहा था उस पर पुलिस ने जरूरी कार्रवाई कर दी थी फिर मंदिर पर हमला क्यों किया गया। कितने ही इस्लामिक कट्टरपंथी हैं जो हिन्दू देवी-देवताओं को लेकर गलत बातें कहते हैंं, क्या कभी हिन्दुओं ने किसी मस्जिद पर पथराव किया, किसी मस्जिद पर हमला किया। यह कट्टरपंथी सोच भारत में नहीं  चलेगी। उन्होंने कहा कि मंदिर पर हमला करने वाले किसी भी इस्लामिक कट्टरपंथी को छोड़ा नहीं जाएगा। वहीं, शनिवार को मंदिर समिति ने पुलिस कमिश्नर से मिलकर मंदिर पर हमला करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए शिकायती पत्र दिया। मंदिर समिति के सदस्यों का कहना था कि इस्लामिक कट्टरपंथियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। इसके साथ ही मेरठ और मुजफ्फर नगर से भी हिन्दूवादी नेताओं ने मंदिर पहुंचकर इस इस्लामिक कट्टरपंथी हमले पर रोष जताया और पुलिस से कड़ी कार्रवाई की मांग की। इसके अलावा देश भर से मंदिर समिति को हिन्दूवादी नेताओं के संदेश मिल रहे हैं। मंदिर पर हमला करने वाले इस्लामिक कट्टरपंथियों के खिलाफ यदि पुलिस सख्त कार्रवाई नहीं करती है तो हिन्दूवादी संगठन मंदिर पर महापंचायत बुलाएंगे। F.I.R दर्ज कराने गए लोगो में मुख्यरूप से आस्था माँ, डॉ उदिता त्यागी, चहल सिंह बालयान,पूजा त्यागी, आहूजा जी, अक्षय त्यागी, मोहित बजरंगी, नीरज त्यागी, रिपन नागर, सुमित गुर्जर, विवेक गुर्जर, लकी गुर्जर, संदीप यादव, विनय हिन्दू, संजय बहेडी ,पुनीत गुर्जर, सचिन गुर्जर आदि मौजूद रहे।

Leave a Comment