गाजियाबाद। देश के प्रत्येक बच्चे को सस्ती और सुलभ शिक्षा के सपने को साकार करने एवं देश की शिक्षा व्यवस्था में बदलाव की मुहिम को पिछले 12 वर्षों के दौरान नए आयाम देने वाली संस्था गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन की अध्यक्ष सीमा त्यागी ने सरकार से अपील की है कि देश के प्रत्येक बच्चे को शिक्षा और परीक्षा में समान अवसर प्रदान करने के लिए “एक देश एक शिक्षा एक बोर्ड” का गठन किया जाए अगर हमारी सरकार एक देश एक टैक्स, एक देश एक राशन कार्ड कर सकती है और एक देश एक चुनाव की तरफ आगे बढ़ सकती है तो फिर देश की प्रगति की रीढ़ माने जाने वाली शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए एक देश एक शिक्षा एक बोर्ड का गठन क्यों नहीं कर सकती। देश के विद्यार्थियों का पढ़ने पढ़ाने का माध्यम और भाषा भले ही अलग हो सकती है लेकिन सभी विद्यार्थियों के लिए समान शिक्षा एवं समान अवसर उपलब्ध कराने की दृष्टि से एक देश एक शिक्षा एक बोर्ड का गठन किया जाना चाहिए । अभी हम देख रहे हैं यूपी बोर्ड, आईसीएसई, सीबीएसई बोर्ड सहित देश के अनेक राज्यों के बोर्ड अलग अलग पाठ्यक्रम पढ़ा रहे हैं लेकिन जब बच्चे प्रतियोगिता परीक्षा देने के लिए जाते हैं चाहे वो नीट की परीक्षा हो या फिर आईएस, पीसीएस की परीक्षा हो वो सभी देश के बच्चो के लिए एक है तो फिर सवाल उठता है क्या अलग अलग बोर्ड से पढ़ने वाले बच्चो को हम प्रतियोगिता परीक्षा में समान अवसर प्रदान कर रहे हैं इसके साथ ही देश के निजी स्कूलों ने शिक्षा को व्यापार बनाकर महंगी किताबें खरीदने के लिए बच्चो एवं अभिभावकों पर दबाव बनाते हैं एक देश एक शिक्षा एक बोर्ड के गठन से जहां शिक्षा के व्यापार पर अंकुश लगेगा वहीं देश के प्रत्येक बच्चे को शिक्षा एवं प्रतियोगिता परीक्षा में समान अवसर प्राप्त होगे। में उम्मीद करूंगी कि देश को प्रगति के पथ पर अग्रसर करने और शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए हमारी सरकार एक देश एक शिक्षा एक बोर्ड के गठन पर सकारात्मकता के साथ विचार कर अमली जामा पहनाएगी।