गाजियाबाद। पावन चिंतन धारा आश्रम के युवा प्रकल्प “युवा अभ्युदय मिशन” के साधकों ने 8 नवंबर 2024 को राजनगर एक्सटेंशन स्थित पाल्म रिजॉर्ट सोसाइटी में “प्रतिमा सम्मान मिशन” के अंतर्गत एक विशेष अभियान चलाया। इस अभियान का उद्देश्य तिरस्कृत देवी-देवताओं की खंडित मूर्तियों एवं पूजा सामग्री का ससम्मान निस्तारण करना था।
दीपावली और छठ पूजा उपरांत सोसाइटी में छोड़ी गई खंडित प्रतिमाओं को एकत्रित किया गया, जिन्हें बाद में ससम्मान निस्तारित करने की योजना बनाई गई है।
इस पहल में स्थानीय निवासियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया, जिन्होंने अपनी खंडित प्रतिमाएँ, पूजा सामग्री और धार्मिक चित्र आदि “युवा अभ्युदय मिशन” की टीम को सौंपे। सभी ने मिलकर इन धार्मिक सामग्रियों का उचित निस्तारण करने का संकल्प लिया। “प्रतिमा सम्मान मिशन” डॉ. पवन सिन्हा ‘गुरुजी’ द्वारा प्रारंभ किया गया एक अनूठा प्रयास है, जो सनातन धर्म की परंपराओं का सम्मान बनाए रखने पर जोर देता है। इसके अंतर्गत प्लास्टर ऑफ पेरिस (POP) से बनी मूर्तियों के उपयोग को वर्जित किया गया है, ताकि पर्यावरणीय हानि को रोका जा सके और मिट्टी की प्रतिमाओं के विसर्जन को प्राथमिकता दी जा सके। इस अभियान में युवाओं ने अपनी संवेदनशीलता और समर्पण का परिचय देते हुए लोगों को जागरूक किया। सभी ने संकल्प लिया कि भविष्य में ऐसी कोई परिस्थिति उत्पन्न न हो जिसमें भगवान की प्रतिमाओं का अनादर हो। इस पहल से जुड़े सभी निवासियों ने एकमत होकर कहा कि भगवान के सम्मान को बनाए रखने का दायित्व प्रत्येक भक्त का है।
“प्रतिमा सम्मान मिशन” के अंतर्गत चलाया गया यह अभियान एक सकारात्मक पहल है, जो न केवल धार्मिक, बल्कि पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी सराहनीय है।