गाजियाबाद। गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन द्वारा आरटीई के बचे हुए दाखिले कराने और आरटीई के बच्चो के दाखिलों की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए 12 सूत्रीय बिंदुओं का ज्ञापन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को सौंपा गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन के सचिव अनिल सिंह और आरटीई प्रभारी धर्मेंद्र यादव ने बताया कि मार्च माह से शुरू हुई चार चरणों की लाटरी के तहत अलभित समूह एवं दुर्बल वर्ग के अंतर्गत लगभग 6200 बच्चों का चयन हुआ था। लेकिन 8 महीने बीत जाने के बाद भी अनेकों बच्चों को सीटे फुल होने की बात कह स्कूलों द्वारा दाखिले नहीं दिए गए हैं जिसके कारण अनेकों बच्चे शिक्षा के मौलिक अधिकार से वंचित रह गए हैं पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी कार्यालय द्वारा ऐसे स्कूलों को नोटिस और चेतावनी तो भेजी लेकिन शिक्षा सत्र का लगभग 70% हिस्सा बीत जाने के बाद भी दाखिला नहीं लेने वाले एक भी स्कूल पर कार्रवाई सुनिश्चित नहीं की गई गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन की अध्यक्ष सीमा त्यागी ने कहा कि आरटीई के शेष बच्चो के दाखिले अतिशीघ्र सुनिश्चित कराए जाए साथ ही दाखिले नहीं लेने वाले स्कूलों की पूर्ण सूची बनाकर मान्यता रद्द करने की कार्यवाई सुनिश्चित की जाए साथ ही हमारे द्वारा बीएसए को आरटीई के दाखिलों की प्रक्रिया को 12 सूत्रीय बिंदुओं का सुझाव दिया गया है हम उम्मीद करते हैं इस वर्ष नए दाखिलों से पहले ये सुझाव अमल में लाए जाएंगे।
1.नए शिक्षा सत्र के दाखिलों के लिए स्कूलों में सीटों की मैपिंग ठीक प्रकार से की जाए जिससे की स्कूल सीटे फुल होने का बहाना ना बना सके।2. आरटीई के फार्म भरने की प्रक्रिया सुलभ की जाए साथ ही अगर अभिभावक एक से ज्यादा फॉर्म भरता है तो उसका एक ही फॉर्म स्वीकार किया जाए।
3.आरटीई के अंतर्गत चयनित बच्चो की शिक्षा कक्षा 8 से बढ़ाकर कक्षा 12 तक कराने के लिए शासन से संतुति कराई जाए।
4.जिले में अनेकों ऐसे स्कूल हैं जो आरटीई के दाखिलों की लिस्ट से छुटे हुए हैं उनकी सूची बनाकर तत्काल प्रभाव से शामिल किया जाए जिससे की गरीब बच्चो के दाखिलों की संख्या बढ़ सके
5.आरटीई के दाखिलों के लिए फर्जी प्रमाण पत्र बनाने वाले संबंधित अधिकारी पर जिलाधिकारी के माध्यम से सख्त कार्यवाई करने की संतुति की जाए।
6.वार्ड के अंतर्गत बच्चो के दाखिलों में स्पष्टता सुनिश्चित किया जाए जिससे की इस शिक्षा सत्र में वार्ड का कोई इश्यू ना आए
7.स्कूल में चयनित बच्चो की एक ही सूची निकालने की व्यवस्था की जाए जिससे की एक स्कूल में चयनित बच्चो की संख्या स्पष्ट हो सके।
8.आरटीई के अंतर्गत चयनित बच्चो के अभिभावकों से स्कूलों द्वारा अनावश्यक कागजात , बैंक स्टेटमेंट , सैलरी स्लिप , पैनकार्ड आदि डॉक्यूमेंट ना मांगने के लिए प्रक्रिया प्रारंभ होने से पहले ही सर्कुलर जारी किया जाए जिससे की अभिभावकों के दाखिलों की प्रक्रिया सुलभ हो सके
9.बच्चो के दाखिलों में साइबर कैफे और निजी स्कूलों की मिलीभगत पर तत्काल रोक लगाई जाए।
10.आर्थिक रूप सक्षम पेरेंट्स द्वारा फर्जी आय प्रमाण पत्र बनवाकर दाखिला लेने वाले अभिभावकों पर सख्त कार्यवाई का प्रावधान सुनिश्चित किया जाए। 11.आरटीई के गरीब अभिभावकों के साइबर कैफे द्वारा फॉर्म भरने के दौरान हुई गड़बड़ी के आधार पर उनका फार्म रिजेक्ट नहीं किया जाए बल्कि कार्यालय में हेल्प डेस्क के माध्यम से पेरेंट्स को फोन कर उनके फॉर्म में गड़बड़ियां ठीक कराई जाए जिससे की ज्यादा से ज्यादा गरीब बच्चो को शिक्षा लेने का अवसर प्राप्त हो सके
12.जिला बेसिक शिक्षा कार्यालय के माध्यम से आरटीई के दाखिलों की संख्या बढ़ाने के लिए प्रक्रिया प्रारंभ होने से पहले जागरूकता अभियान चलाया जाए।