गाज़ियाबाद। युवा अभ्युदय मिशन (पावन चिंतन धारा) और अखंड भारत मिशन की टीम द्वारा RNE वालंटियर्स के सहयोग से खंडित मूर्तियों और पूजा सामग्री के निस्तारण हेतु एक विशेष जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान का संदेश है – “जब हम करेंगे अपने भगवान का सम्मान, तभी विश्व करेगा उन्हें प्रणाम”। अभियान का मुख्य उद्देश्य समाज में धार्मिक जागरूकता फैलाना, पूजा सामग्री का सही तरीके से निस्तारण करना और पर्यावरण को सुरक्षित रखना है। अभियान के तहत, 7 और 8 दिसंबर को गाज़ियाबाद के प्रमुख स्थानों जैसे गुलमोहर एंक्लेव, नेहरू नगर, शनि मंदिर नेहरू नगर, VVIP ऐड्रेस, राजनगर एक्सटेंशन, शिव मंदिर आशियाना और पाम कोर्ट में विशेष रूप से अभियान चलाया गया। अभियान की सफलता में पावन चिंतन धारा के संयोजक रोहित अरोड़ा और अखंड भारत मिशन के संस्थापक अश्वनी शर्मा ने मिलकर अहम भूमिका निभाई।
अश्वनी शर्मा और पावन चिंतन धारा की टीम ने समुदाय के लोगों को जागरूक किया और उन्हें यह समझाया कि पूजा के लिए केवल मिट्टी और धातु से बनी मूर्तियों का ही प्रयोग करें। इसके साथ ही, उन्होंने प्लास्टिक और POP (प्लास्टिक ऑक्साइड पेंट) से बनी मूर्तियों के उपयोग से बचने की अपील की, ताकि पर्यावरण पर उनका प्रतिकूल प्रभाव न पड़े और जल, भूमि तथा वायु की गुणवत्ता बनी रहे। यह अभियान न केवल पूजा सामग्री के उचित निस्तारण के महत्व को समझाता है, बल्कि समाज में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जिम्मेदारी और जागरूकता को भी बढ़ावा देता है। यह पहल समाज में एक सकारात्मक बदलाव का प्रतीक है, जहां हर व्यक्ति पूजा सामग्री के निस्तारण में सतर्कता बरतेगा और पर्यावरण को बचाने के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझेगा।
अश्वनी शर्मा ने इस अभियान की सफलता में सहयोग देने वाले सभी सदस्यों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि अखंड भारत मिशन के उपाध्यक्ष शुभम गर्ग, कोषाध्यक्ष संदीप शर्मा, महिला टीम अध्यक्ष सीमा गोयल, सचिव प्रदीप गर्ग, उपाध्यक्ष संजय तरिका, वरिष्ठ उपाध्यक्ष निखिल त्यागी, योगेश मोहन कौशिक एवं अन्य सभी साथियों का योगदान इस अभियान की सफलता में महत्वपूर्ण है। साथ ही, 8 दिसंबर के आयोजन में वीवीआईपी ऐड्रेस से मनोज सिंघल का विशेष सहयोग रहा एवं संयोजक की भूमिका में रहे। अखंड भारत मिशन ने श्री शिव शक्ति मंदिर समिति वीवीआईपी ऐड्रेस और एओए का विशेष धन्यवाद किया। इस प्रकार, यह अभियान न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से, बल्कि पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी अत्यधिक महत्वपूर्ण साबित हो रहा है। समाज में इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी को एक नई दिशा मिलेगी।