
नई दिल्ली। देश की बहुप्रतीक्षित जनगणना का पहला चरण आखिरकार 1 अप्रैल 2026 से शुरू होने जा रहा है। रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया के मुताबिक, इस बार जनगणना प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल होगी और पहली बार मोबाइल एप का उपयोग कर आंकड़े जुटाए जाएंगे। खास बात यह है कि इस बार जाति संबंधी जानकारी भी एकत्र की जाएगी।
क्या पूछा जाएगा इस जनगणना में?
जनगणना आयुक्त कार्यालय द्वारा तैयार प्रश्नावली में लगभग तीन दर्जन सवाल शामिल हैं, जो नागरिकों की आर्थिक, सामाजिक और जीवनशैली से जुड़ी अहम जानकारियों पर केंद्रित हैं।
इसमें शामिल हैं-
मोबाइल फोन, टेलीविजन, ट्रांजिस्टर, रेडियो, कंप्यूटर जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का स्वामित्व, वाहनों की जानकारी: जैसे साइकिल, स्कूटर, बाइक, कार, जीप और वैन, इंटरनेट कनेक्शन और उसके उपयोग की स्थिति पीने के पानी का स्रोत, घर में शौचालय की सुविधा और अपशिष्ट जल प्रबंधन घर में स्नानघर और रसोई की उपलब्धता, खाना पकाने में प्रयुक्त ईंधन जैसे एलपीजी, पीएनजी या बायोमास, अनाज की खपत, जिससे पोषण और गरीबी की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकेगा
मकान निर्माण की सामग्री जैसे दीवार, फर्श और छत किससे बनी है
घर में रहने वाले कुल सदस्यों की संख्या, विवाहित दंपतियों की संख्या और कुल कमरों की जानकारी
डिजिटल बदलाव की ओर बड़ा कदम-
इस बार जनगणना का सबसे बड़ा आकर्षण है डिजिटल माध्यम से डेटा संग्रह। मोबाइल एप के जरिये अधिकारी घर-घर जाकर विवरण दर्ज करेंगे। इससे प्रक्रिया अधिक तेज़, पारदर्शी और सटीक होने की उम्मीद है।
जाति गणना भी पहली बार-
जनगणना 2026 में पहली बार जाति आधारित जानकारी भी शामिल की जाएगी, जो सामाजिक और आर्थिक योजनाओं के निर्धारण में अहम भूमिका निभा सकती है।
देशभर में इस अभियान को सफल बनाने के लिए व्यापक प्रशिक्षण और तैयारी की जा रही है। सरकार का मानना है कि यह जनगणना सिर्फ आंकड़े जुटाने का माध्यम नहीं, बल्कि भारत के बदलते सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य को समझने का सबसे बड़ा प्रयास है।