श्री कृष्ण योग धाम ट्रस्ट करेगा सनातनियों का डीएनए चेंज- अनिल यादव (छोटे नरसिंहानंद)

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By Pawan Sharma

गाजियाबाद। श्री कृष्ण योग धाम ट्रस्ट ने अपने द्वितीय कुश्ती महाकुंभ के आयोजन को लेकर आज एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। बैठक में निर्णय लिया गया कि द्वितीय कुश्तीमहाकुंभ 6 और 7 सितंबर 2025 को शिवशक्ति धाम, डसना में आयोजित किया जाएगा।
ट्रस्ट के सचिव अनिल यादव (छोटे नरसिंहानंद) ने बताया कि इस बार भी प्रथम कुश्ती महाकुंभ की तरह दो टाइटल रखे जाएंगे। सीनियर खिलाड़ियों के लिए *धर्म केसरी* टाइटल में प्रथम पुरस्कार के रूप में 1,00,000 रुपये नकद और द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले खिलाड़ी को 51,000 रुपये नकद पुरस्कार दिया जाएगा। जूनियर खिलाड़ियों के लिए *धर्म कुमार* टाइटल में प्रथम पुरस्कार 51,000 रुपये और द्वितीय पुरस्कार 21,000 रुपये नकद होगा।

इस आयोजन में देश के कोने-कोने से पहलवान हिस्सा लेंगे। इसके लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन 15 जुलाई 2025 से शुरू होगा। 20 वर्ष तक के खिलाड़ी *धर्म कुमार* और 20 वर्ष से अधिक आयु के खिलाड़ी *धर्म केसरी* टाइटल के लिए आवेदन कर सकेंगे।
ट्रस्ट के सहसचिव श्री अनिल मावी ने सभी खिलाड़ियों और अभिभावकों से अपील की कि वे इस आयोजन में उत्साहपूर्वक भाग लें। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में कुश्ती के आयोजन में शिवशक्ति धाम, डसना का कोई मुकाबला नहीं है। यह आयोजन सनातनी बच्चों को खेलों में प्रोत्साहन देगा, जिससे वे देश और प्रदेश का नाम राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन करेंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है, इसलिए अभिभावकों को अपने बच्चों को खेलों से जोड़ना चाहिए। श्री कृष्ण योग धाम ट्रस्ट न केवल कुश्ती, बल्कि अन्य खेलों को बढ़ावा देने के लिए भी तत्पर है।
ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष श्री पंकज मित्तल ने बताया कि यह पहली बैठक है और भविष्य में पुरस्कार राशि को और बढ़ाने पर विचार किया जाएगा। उन्होंने गुरुदेव के आदेशानुसार पुरस्कार राशि में वृद्धि की संभावना जताई और सभी पहलवानों से अधिक से अधिक संख्या में भाग लेने की अपील की।
बैठक में श्री दीपक त्यागी, हितेश भारद्वाज, राजू शर्मा, सुदेश यादव, केडी यादव, सुनील यादव और कान्हा यादव सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
श्री कृष्ण योग धाम ट्रस्ट सभी अभिभावकों और खिलाड़ियों से अनुरोध करता है कि वे इस आयोजन का हिस्सा बनें और सनातन संस्कृति को खेलों के माध्यम से आगे बढ़ाएं।

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