
मुरादनगर, 9 जुलाई। गंग नहर स्थित सतलोक आश्रम के श्री हंस इंटरमीडिएट कॉलेज मैदान में गुरु पूजा के पावन अवसर पर मानव उत्थान सेवा समिति के तत्वावधान में दो दिवसीय सत्संग समारोह के प्रथम दिवस पर आध्यात्मिक गुरु श्री सतपाल जी महाराज ने उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि परमपिता परमात्मा की जो शक्ति है वह प्रकाश रूप में है, जो सबके हृदय में प्रकाशमान हो रही है, उस शक्ति को हम कैसे जाने? उसी को जानने के लिए हमारे संतों ने बार-बार जीव को प्रेरित किया है। इसलिए हम सबको परम प्रकाश रूपी जो शक्ति है, उस आध्यात्मिक ज्ञान को जानने के लिए पूर्ण गुरु की शरण में जाना होगा।
गुरुपूजा महोत्सव समारोह में अपने विचार रखते हुए श्री महाराज जी ने आगे कहा कि यह मन बड़ा ही चंचल है कभी कुछ सोचता है, कभी कुछ सोचता है। सत्संग में आ गया तो सत्संग का प्रभाव पड़ा तो वैराग्य आ गया, संसार में गया तो संसार की माया का प्रभाव आ जाता है, तो मन रंग बदलता रहता है। इसलिए कहा है कि मन ही बंधन का कारण है और मोक्ष का भी दरवाजा है। यह मन संसार में लग गया तो बंधन का कारण बन जाता है और परमात्मा के नाम में अगर यह मन लग गया तो यह मोक्ष का कारण बन जाता है।
उन्होंने कहा कि संसार में परमात्मा के सैकड़ों नाम है, परंतु उस नाम से क्या मुक्ति हो सकती है, नहीं। जब तक शब्द ब्रह्म के नाम व स्वरूप का ज्ञान नहीं होगा तब तक इस संसार में जन्म-मरण होता रहेगा, इसलिए भगवान के उस कोटि नाम, जिसे आदि नाम संतों ने कहा है, जब तक उस नाम को नहीं जानेंगे तब तक मन में शांति नहीं हो सकती। भगवान विष्णु के सहस्त्रनाम हम लोग पढ़ते हैं, परंतु वह गुणवाचक नाम है, वह नाम मुख से लिए हैं। भगवान के अनेक नाम लोग जपते हैं, परंतु उससे कोई लाभ नहीं है, क्योंकि जब तक आदि नाम को नहीं जानेंगे तब तक मन में शांति नहीं आएगी।

श्री महाराज ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि आजकल पर्यावरण की समस्या पुरे विश्व की समस्या है, इसलिए हम सभी को मिलकर इस समस्या का समाधान करना चाहिए। अधिक से अधिक वृक्ष लगाएं और पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान दें।
समारोह के प्रारम्भ में श्री महाराज जी, पूज्य माता श्री अमृता जी सहित अन्य विभूतियों का माल्यापर्ण कर स्वागत किया गया। गुरु पूर्णिमा के इस पावन अवसर पर संगीत मंच द्वारा गुरु भक्ति से ओत-प्रोत अनेक भजन गाये गए। साथ ही बाल कलाकारों द्वारा सुन्दर व प्रेरणादायक झाँकिया भी दिखाई गयी। मंच संचालन डॉ.संतोष यादव जी ने किया।