
गाजियाबाद। अमर भारती साहित्य संस्कृति संस्थान ने सुप्रसिद्ध गीतकार डॉ धनंजय सिंह का 80वां जन्मोत्सव मनाया। आई टी एस, मोहन नगर के सेमिनार हॉल में संपन्न हुए इस उत्सव में डॉ धनंजय सिंह की जीवन यात्रा व साहित्यिक यात्रा को एक वृत्तचित्र के माध्यम से दर्शाया गया। इस वृत्तचित्र को देखकर दर्शकों को उनके जीवन के कई अनछुए पहलुओं से रू-ब-रू होने का अवसर मिला। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे सुप्रसिद्ध साहित्यकार एवं रेलवे बोर्ड के पूर्व सदस्य सचिव प्रेम पाल शर्मा ने कहा कि डॉ धनंजय सिंह के गीत सीधे सुनने वाले के दिल पर असर करते हैं।आप के गीतों का माधुर्य निराला और सुमित्रा नंदन पंत की याद दिला देता है। वृत्त चित्र के निर्देशक चर्चित फ़िल्म निर्देशक दिनेश लखनपाल ने बताया कि वर्ष 1974 में अंतहीन फ़िल्म में गाया गया डॉ धनंजय का गीत आज भी लोगों की ज़बान पर आता है।बेहद विनम्रतापूर्वक दिनेश जी ने इस तथ्य को स्वीकार किया कि एक अच्छी फ़िल्म बनाई नहीं जाती है, बन जाती है। डॉ योगेन्द्र दत्त शर्मा ने डॉ धनंजय के साथ अपनी आधी सदी लंबी सहयात्रा के कई दिलचस्प किस्से सुनाए।सोमदत्त शर्मा, डॉ पूनम सिंह, प्रोफ़ेसर सुनील कुमार पांडेय ने भी डॉ धनंजय से जुड़े संस्मरण साझा किए।

कार्यक्रम का संचालन संस्थान के महासचिव प्रवीण कुमार ने किया।इस अवसर पर डॉ योगेन्द्र दत्त शर्मा, सोमदत्त शर्मा, मधु बी जोशी, डॉ पूनम सिंह, प्रो सुनील कुमार पांडेय, प्रो सौरभ सक्सेना, रमेश कुमार भदौरिया, वेद शर्मा वेद, बी के वर्मा ‘शैदी’, विपिन जैन, मधु सिंह, सत्यकेतू सिंह एडवोकेट, ओंकार सिंह एडवोकेट, श्रीविलास सिंह, रंजना अग्रवाल, पूनम अग्रवाल, रवि पाराशर, सुभाष अखिल, सरवर हसन सरवर, दीपक श्रीवास्तव, सरिता शर्मा, दिनेश दत्त शर्मा, सुरेश मेहरा सहित बड़ी संख्या में गणमान्य साहित्यकार एवं दर्शक उपस्थित रहे।