आत्मानुभूति का एकमात्र साधन है- ध्यान

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By Pawan Sharma

नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने भारत के सह-प्रायोजक के रूप में 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस घोषित किया है। इस अवसर पर मानव उत्थान सेवा समिति, 2/12, पूर्वी पंजाबी बाग, नई दिल्ली स्थित आश्रम में बड़े हर्षोल्लास से देश के विभिन्न तीर्थों से भ्रमण करके आये संतों के सान्निध्य में मनाया गया। मानव उत्थान सेवा समिति एक आध्यात्मिक व सामाजिक संस्था है, जोकि अध्यात्म के प्रचार के साथ समाज के लिए अनेक कल्याणकारी कार्यक्रमों का संचालन करती है। आज संपूर्ण भारत में स्थित मानव उत्थान सेवा समिति के आश्रमों में विश्व ध्यान दिवस बड़े धूमधाम से मनाया गया।

मानव धर्म के प्रणेता श्री सतपाल जी महाराज की प्रेरणा से मानव उत्थान सेवा समिति के संत-महात्मागण विगत कई वर्षों से मानव के हृदय में ध्यान का क्रियात्मक बोध करवाती आ रही है। इस अवसर पर संतों ने समझाया की ध्यान करने से मन एकाग्र व आनंदित हो जाता है, ध्यान के माध्यम से व्यक्ति आत्म अनुभूति को प्राप्त कर लेता है। भारत देश को विश्व गुरु बनाने के लिए ध्यान एक निर्णायक भूमिका होगी। इस ध्यान दिवस पर प्रत्येक देशवासी को प्रतिदिन ध्यान करने का संकल्प लेना होगा।

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