देश के प्रत्येक बच्चे को समान शिक्षा के लिए “One Nation One Education” जरूरी – सीमा त्यागी

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By Pawan Sharma

गाजियाबाद। किसी भी देश की प्रगति उसके नौनिहालों की शिक्षा के स्तर पर निर्भर करती है हम कह सकते है कि शिक्षा व्यवस्था किसी भी देश की रीढ़ होती है इसलिए देश की रीढ़ कहे जाने वाली शिक्षा व्यस्था के माध्यम से देश के प्रत्येक बच्चे को समान शिक्षा के अवसर प्रदान करने के लिए आज देश में “एक राष्ट्र एक शिक्षा एक बोर्ड ” को लागू करने की आवश्यकता है देश के विद्यार्थियों का पढ़ने पढ़ाने का माध्यम और भाषा भले ही अलग हो सकती है लेकिन सभी विद्यार्थियों के लिए समान शिक्षा एवं समान अवसर उपलब्ध कराने की दृष्टि से एक देश एक शिक्षा एक बोर्ड का गठन किया जाना चाहिए ।मिनिस्ट्री ऑफ ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट की तरफ से दिए गए आंकड़ों के अनुसार देश में वर्तमान में 65 बोर्ड संचालित हो रहे है इसके अलावा राज्यों के पास अन्य बोर्ड जैसे संस्कृत , मदरसा और ओपन बोर्ड भी है  देश के अनेक राज्यों के बोर्ड अलग अलग पाठ्यक्रम पढ़ा रहे हैं लेकिन जब बच्चे प्रतियोगिता परीक्षा देने के लिए जाते हैं चाहे वो नीट की परीक्षा हो या फिर आईएस, पीसीएस की परीक्षा हो वो सभी देश के बच्चो के लिए एक समान है तो फिर सवाल उठता है क्या अलग अलग बोर्ड से पढ़ने वाले बच्चो को हम प्रतियोगिता परीक्षा में समान अवसर प्रदान कर रहे है तो जवाब होगा नहीं इसका समाधान केवल  देश में एक देश एक शिक्षा एक बोर्ड के गठन करना है जिससे जहां देश में शिक्षा के व्यापार पर अंकुश लगेगा वहीं देश के प्रत्येक बच्चे को शिक्षा एवं प्रतियोगिता परीक्षा में समान अवसर प्राप्त होगे । देश में एक राष्ट्र, एक शिक्षा लागू करने के अनेकों फायदे हैं जैसे

1. एकता और समानता*: एक राष्ट्र, एक शिक्षा से हमारे देश में एकता और समानता को बढ़ावा मिलेगा। सभी छात्रों को समान शिक्षा मिलेगी, चाहे वे किसी भी राज्य, जाति या धर्म से हों।
2. गुणवत्तापूर्ण शिक्षा: एक राष्ट्र, एक शिक्षा से हमारे देश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा। सभी स्कूलों और कॉलेजों में समान पाठ्यक्रम और शिक्षा के मानक होंगे।
3. रोजगार के अवसर: एक राष्ट्र, एक शिक्षा से हमारे देश में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। सभी छात्रों को समान शिक्षा मिलने से वे अपने क्षेत्र में रोजगार के लिए तैयार होंगे।
4. देश की प्रगति: एक राष्ट्र, एक शिक्षा से हमारे देश की प्रगति को बढ़ावा मिलेगा। शिक्षित नागरिकों से हमारा देश अधिक समृद्ध और विकसित होगा।
एक राष्ट्र, एक शिक्षा हमारे देश के लिए जरूरी परिवर्तन है। इससे जहां हमारे देश में एकता और समानता को बढ़ावा मिलेगा, वही देश के प्रत्येक बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, देश की प्रगति को बढ़ावा मिलेगा। मे देश के यशस्वी प्रधान मंत्री जी , राष्ट्रपति जी और केंद्रीय शिक्षा मंत्री जी से निवेदन करती हूं कि देश के बच्चो को समान शिक्षा के अवसर प्रदान करने लिए ” एक देश एक शिक्षा एक बोर्ड का गठन “करे।

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