एक राष्ट्र, एक चुनाव: राष्ट्रीय एकता और प्रगति की दिशा में ऐतिहासिक पहल- संदीप त्यागी (रसम)

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By Pawan Sharma

एक राष्ट्र, एक चुनाव: राष्ट्रीय प्रगति और समृद्धि के लिए आवश्यक कदम..
गाजियाबाद। “एक राष्ट्र, एक चुनाव” के समर्थन में देशभर में जन जागरण अभियान जारी है। सामाजिक संगठन रसम* के नेतृत्व में यह आंदोलन वर्ष 2006/07 से अनवरत रूप से चल रहा है। इस आंदोलन के प्रमुख पहलुओं में एक साथ त्रिस्तरीय चुनाव, एक मतदाता सूची सचल मतदान केंद्रऔर समान मतदाता संख्या वाले चुनाव क्षेत्र शामिल हैं। रसम के अध्यक्ष संदीप त्यागी* का कहना है कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य चुनाव प्रक्रिया को सरल और प्रभावी बनाना है ताकि राष्ट्र की उन्नति और समृद्धि में तेजी लाई जा सके।
संदीप त्यागी ने बताया कि उत्तर प्रदेश राज्य के चुनाव आयोग ने इस विषय पर महत्वपूर्ण पहल की और रसम द्वारा प्रस्तुत ज्ञापन को भारत के चुनाव आयोग तक पहुंचाया। इसके परिणामस्वरूप राष्ट्रीय चुनाव आयोग ने इसे भारत सरकार के सामने रखा, जिससे इस दिशा में ठोस कदम उठाए जा सके।
संदीप त्यागी ने पूर्व राष्ट्रपति महामहिम रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में गठित कमेटी की सिफारिश पर कैबिनेट की मुहर लगने पर भारत सरकार को बधाई दी। उन्होंने चुनाव सुधार अभियान में अपना सहयोग देने वाले सभी संगठनों और कार्यकर्ताओं को भी इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि “एक राष्ट्र, एक चुनाव” भारत वासियों को एक सूत्र में पिरोने और देश की प्रगति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। त्यागी का मानना है कि इस अभियान को 32 प्रमुख राजनीतिक दलों का समर्थन प्राप्त है, जो इसकी प्रासंगिकता और राष्ट्रीय आवश्यकता की पुष्टि करता है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद प्रारंभिक वर्षों में भारत में इसी तर्ज पर चार चुनाव हो चुके हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह प्रणाली व्यवहारिक और कारगर है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि केवल वही लोग इस अभियान का विरोध करेंगे जो संकीर्ण और स्वार्थी हितों से प्रेरित हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री *नरेंद्र मोदी* को दूरदृष्टि रखने वाला नेता बताते हुए उनके इस प्रयास की सराहना की और कहा कि सभी राजनीतिक दलों को क्षेत्रीयता और दलगत राजनीति से ऊपर उठकर इस महत्वपूर्ण राष्ट्रीय विषय का समर्थन करना चाहिए। एक साथ चुनाव से आदर्श आचार संहिता बार-बार लागू होने के कारण विकास कार्यों में होने वाली रुकावटें कम होंगी, जिससे प्रशासनिक मशीनरी का सही उपयोग हो सकेगा और समय और संसाधनों का अपव्यय रुकेगा। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि “एक राष्ट्र, एक चुनाव”भारत की प्रगति में मील का पत्थर साबित होगा।
“एक राष्ट्र, एक चुनाव” का समर्थन देश की समृद्धि और राष्ट्रीय एकता के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसे सभी राजनीतिक दलों और नागरिकों को खुले दिल से समर्थन देना चाहिए।

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