गाजियाबाद। जीपीए का आरटीई के गरीब बच्चो के दाखिलों के लिय पिछले 8 महीने से मैराथन संघर्ष जारी है, आज एक बार फिर जीपीए ने आरटीई के अभिभावकों के साथ बीएसए कार्यालय पर प्रदर्शन कर कड़ा संदेश दिया। जीपीए के सचिव अनिल सिंह और आरटीई प्रभारी धर्मेंद्र यादव ने बताया की निशुल्क एवम अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 12 (1)(ग )के अंतर्गत दुर्बल एवम अलभित समूह के अंतर्गत चयनित समस्त बालक बालिकाओं का दाखिला स्कूलों में सुनिश्चित कराना पूर्णतया उत्तर प्रदेश सरकार, जिला प्रशासन और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की है, उसके बाद भी आधा शिक्षा सत्र बीत जाने के बाद भी अभिभावक अपने बच्चों के दाखिलों के लिए स्कूल एवम आपके कार्यालय के चक्कर लगाने के लिए मजबूर है पिछले सात महीने के दौरान जीपीए द्वारा 8 से ज्यादा ज्ञापन आपको दिए जा चुके है स्कूलों द्वारा अभिभावकों को सीटे फुल होने की बात कह वापस लौटाया जा रहा है, जबकि प्रत्येक बच्चे का चयन स्कूलों में सीटो के अनुसार संवैधानिक प्रक्रिया से शिक्षा विभाग द्वारा किया गया है। इसलिए इन सभी बच्चो का दाखिला सुनिश्चित कराना जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय की है। आरटीई अधिनियम के तहत किसी भी स्कूल द्वारा चयनित बच्चे को शिक्षा के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता। इसलिए गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन ने पुनः जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से अनुरोध किया है कि आरटीई अधिनियम 2009 की मूल भावना के अंतर्गत निहित समस्त नियमो एवम कानूनों को ध्यान में रखते हुए तत्काल प्रभाव से समस्त चयनित बच्चो का दाखिला स्कूलों में सुनिश्चित करा उनकी शिक्षा प्रारंभ कराई जाए। इस मौके पर धर्मेंद्र यादव ,पवन शर्मा, नरेश कुमार, विकास मावी, राहुल कुमार, विपिन कुमार, नीलम कुमारी , राजन, प्रदीप , गोपाल , मीनू हनी, राजू सैफी, बबिता आदि मौजूद रहे।