जनहित के मुद्दों पर हावी होती संकीर्ण राजनीति दुर्भाग्यपूर्ण- उपेन्द्र गोयल

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By Pawan Sharma

गाजियाबाद। गत वर्ष जुलाई के महीने में पुलिस विभाग द्वारा अम्बेडकर रोड पर ई-रिक्शा पर प्रतिबंध के राजनीति वश दुराग्रहपूर्ण विरोध की वजह से पूरा नगर, विशेष तौर पर आंबेडकर रोड, जीटी रोड, चौधरी मोड़ आज भी दिन भर भयंकर ट्रैफिक जाम से जूझ रहे हैं। पूरे नगर में दिन भर चलते ट्रैफिक जाम के मद्देनजर पुलिस विभाग द्वारा पुनः नगर के हित में सड़कों, मोहल्लों और संकरी गलियों में लगने वाले पैंठ बाजारों को नगर निगम के सहयोग से आसपास के मैदानों में व्यवस्थित रूप से लगवाने की योजना बनाई गई है। इससे ना केवल नगर के ट्रैफिक जाम में बड़ी राहत मिलेगी, अपितु छोटे-गरीब दुकानदारों का लाभ होगा और उनका शोषण करने वाले ठेकेदारों के अवैध धंधों पर लगाम लगेगी। अवांछित तत्वों द्वारा मोहल्लों के बीच में पैंठ बाजार के दौरान घरों की रेकी करना और बाद में चोरी-डकैती की घटनाओं को अंजाम देने पर भी रोक लगेगी।

किंतु दुर्भाग्य से फिर उसी संकीर्ण राजनीति के चलते पुलिस विभाग की इस सकारात्मक पहल का विरोध उसी राजनेता द्वारा किया जा रहा है, जिसका नगर से कोई लेना-देना नहीं है। उनके अपने क्षेत्र में टायर जलाने, अंतरराज्यीय स्मगलिंग, अवांछित तत्वों द्वारा सुनियोजित तौर पर जमीनें कब्जाने जैसे अनेक अपराधों की तरफ इनका कोई ध्यान नहीं है। गरीब दुकानदारों के तथाकथित हितैषी के रूप में इस प्रकार का विरोध इनके द्वारा सिर्फ महानगर के सर्वोच्च पद पर आसीन स्वच्छ, ईमानदार छवि वाले पुलिस अधिकारी के जनहित में लिए गए निर्णयों के विरोध द्वारा अपने व्यक्तिगत दुराग्रहों को सैटल करने का निंदनीय प्रयास है।

मेरा नगर के सभी प्रबुद्ध नागरिकों और व्यापारियों से करबद्ध निवेदन है कि पुलिस विभाग द्वारा नगर के हित में लिए गए इस निर्णय का खुल कर समर्थन करें ताकी निहित स्वार्थी तत्वों को मुंह की खानी पड़े।

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