करदाता देश का वास्तविक उपेक्षित अल्पसंख्यक हैं, जिनके बारे में कोई बात नहीं करता – अश्वनी शर्मा

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By Pawan Sharma

गाज़ियाबाद। सामाजिक चिंतक और समाजिक विचारक अश्वनी शर्मा ने कहा कि देश में करदाताओं की स्थिति अत्यधिक दयनीय है। हर क्षेत्र में उनका शोषण हो रहा है, और उनकी आवाज़ को दबाने के लिए उनके विरोध-प्रदर्शन न करने की मजबूरी का फायदा सभी सरकारें उठा रही हैं। उन्होंने आगे कहा, “मैंने अपनी आने वाली पुस्तक ‘करदाता की आवाज़’ में अपने शब्दों में उन करदाताओं का दर्द व्यक्त करने की कोशिश की है, जिनके बारे में कोई बात नहीं करता। वे न तो रेलवे ट्रैक जाम करते हैं, न शहर की सीमाओं पर आंदोलन करते हैं, न ही सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाते हैं, और न ही विरोध के नाम पर कोई उपद्रव करते हैं। इसके बावजूद, यही लोग देश की अर्थव्यवस्था का असली आधार हैं। इन शांतिपूर्ण करदाताओं का संघर्ष गहरा है, और इसके समाधान पर मैंने अपनी सोच को साझा किया है।”

उन्होंने कहा, “यह करदाता वर्ग बिना किसी राजनीति के अपना दायित्व निभा रहा है, लेकिन उन्हें न तो पर्याप्त सम्मान मिलता है और न ही उचित समर्थन। मुझे विश्वास है कि इस मुद्दे पर लोगों की जागरूकता बढ़ेगी। इस विषय पर विस्तृत जानकारी मेरी आने वाली किताब में शीघ्र ही मिलेगी।”

अश्वनी शर्मा ने यह भी स्पष्ट किया कि, “चूंकि यह मुद्दा राजनीति से प्रेरित नहीं है और न ही कोई राजनीतिक दल करदाताओं के पक्ष में कुछ बोलेगा, इसलिए इसे बड़े राजनीतिक मंचों पर पेश नहीं किया जाएगा। यह पुस्तक केवल ई-कॉपी के रूप में प्रकाशित होगी, ताकि हर करदाता तक पहुंच सके और इस विषय पर अधिक से अधिक चर्चा हो सके।”

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