करदाताओं की संख्या में वृद्धि, आर्थिक सुदृढ़ता और राष्ट्र निर्माण की दिशा में आवश्यक कदम-अश्वनी शर्मा

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By Pawan Sharma

गाजियाबाद। स्वतंत्र विचारक और सामाजिक चिंतक अश्वनी शर्मा ने हाल ही में यह स्पष्ट किया कि देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने और शासन व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के लिए करदाताओं की संख्या बढ़ाना एक अत्यंत महत्वपूर्ण कदम है। उनका मानना है कि यदि देश में अधिक लोग टैक्स देंगे, तो इससे सरकार को अधिक राजस्व प्राप्त होगा, जिससे देश के विकास कार्यों को गति मिलेगी और सार्वजनिक सेवाओं तथा कल्याणकारी योजनाओं के लिए पर्याप्त वित्तीय संसाधन जुटाए जा सकेंगे।

अश्वनी शर्मा के अनुसार, करदाताओं की संख्या बढ़ने के साथ-साथ यह भी आवश्यक है कि सरकार टैक्स प्रणाली को और अधिक सरल, पारदर्शी और नागरिकों के हित में बनाए। उन्होंने कहा, “लोगों को टैक्स भरने में किसी प्रकार की कठिनाई नहीं होनी चाहिए। इसके लिए सरकार को प्रणाली को और सुलभ बनाना होगा ताकि टैक्सदाताओं का कोई असंतोष न हो। साथ ही, करदाताओं को उनके योगदान का उचित सम्मान मिलना चाहिए, ताकि उन्हें यह विश्वास हो कि उनका टैक्स सही तरीके से उपयोग किया जा रहा है।”

शर्मा ने यह भी कहा कि यदि देश में करदाताओं की संख्या बढ़ेगी, तो न केवल सरकार के पास अधिक संसाधन होंगे, बल्कि इससे कर प्रणाली के प्रति आम जनता का विश्वास भी मजबूत होगा। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, “करदाताओं को उनके द्वारा दिए गए टैक्स का सही और उचित उपयोग देखना चाहिए, क्योंकि यही उनके राष्ट्र निर्माण में योगदान का असली फल है।”

इसके साथ ही, शर्मा ने यह भी स्पष्ट किया कि करदाताओं के पैसे का उपयोग चुनावी लाभ के लिए नहीं किया जाना चाहिए। “किसी नेता के उल्टे-सीधे चुनावी वादों को पूरा करने की जिम्मेदारी उनकी खुद की होनी चाहिए। करदाताओं के पैसों का उपयोग केवल विकास कार्यों और कल्याणकारी योजनाओं के लिए होना चाहिए, न कि चुनावी रेवड़ियों में,” उन्होंने कहा।

अश्वनी शर्मा अपनी आगामी पुस्तक “करदाताओं की आवाज़” में इस मुद्दे पर और अधिक विस्तार से विचार करेंगे। पुस्तक में वह करदाताओं के अधिकारों, उनके दायित्वों और उनके योगदान की भूमिका को विस्तार से समझाएंगे। साथ ही, वह यह बताएंगे कि कैसे सरकार को करदाताओं के पैसों का सही दिशा में उपयोग करना चाहिए, ताकि उनकी मेहनत की कमाई का सदुपयोग हो और यह राष्ट्रीय विकास में सकारात्मक योगदान दे सके।

अश्वनी शर्मा ने अंत में यह निष्कर्ष निकाला कि करदाताओं की संख्या में वृद्धि न केवल देश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए, बल्कि समग्र सामाजिक और राष्ट्रीय विकास के लिए भी एक आवश्यक कदम है। उन्होंने कहा, “टैक्स का राजस्व देश की प्रगति के लिए सबसे महत्वपूर्ण साधन है, और इसका सही दिशा में उपयोग सुनिश्चित करना सरकार और प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है। यदि हम करदाताओं की संख्या बढ़ाते हैं, तो यह न केवल वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता को सुनिश्चित करेगा, बल्कि राष्ट्र के समग्र विकास में भी एक बड़ा योगदान देगा।”

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