प्रयागराज। महाकुंभ 2025 को लेकर पूरे देश में उत्साह का माहौल है। हर तरफ श्रद्धालु अपनी आस्था के साथ गंगा स्नान और धर्मिक आयोजनों में भाग लेने की तैयारी कर रहे हैं। इसी बीच आजाद समाज पार्टी के सांसद चंद्रशेखर आजाद के बयान ने नई बहस छेड़ दी है।
चंद्रशेखर आजाद ने कहा, “जिन्होंने पाप किए हैं, वही कुंभ में जाते हैं। हम हिंदू धर्म के गुरुओं से सुनते आए हैं कि गंगा में स्नान कर पाप धो लिए जाते हैं। लेकिन हमारी पार्टी का मानना है कि पाप-पुण्य जैसी बातों में भरोसा नहीं करना चाहिए। हम कर्म में विश्वास रखते हैं। अगर मेरा मन साफ है, तो मुझे कहीं जाने की जरूरत नहीं। लोग जो सोचना चाहते हैं, सोचते रहें।”
शंकराचार्य का पलटवार
आजाद के इस बयान पर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने नाराजगी जताई। उन्होंने पलटवार करते हुए कहा, “क्या उनका मतलब है कि महाकुंभ में केवल पापी आते हैं? क्या वो खुद महाकुंभ में आए हैं? हम यहां अपनी आस्था के कारण आते हैं और इससे हमें खुशी मिलती है। यह हमारी आस्था का मामला है, और इससे किसी को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए।”
सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस
चंद्रशेखर आजाद के बयान और शंकराचार्य के पलटवार के बाद सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को लेकर बहस शुरू हो गई है। कई लोग चंद्रशेखर आजाद के बयान को धर्म और आस्था के खिलाफ मान रहे हैं, वहीं उनके समर्थक इसे तार्किक और आधुनिक दृष्टिकोण बता रहे हैं।
महाकुंभ 2025 को लेकर बढ़ती सरगर्मियों के बीच यह विवाद आस्था और तर्क के बीच एक नए संवाद को जन्म देता नजर आ रहा है।