नई दिल्ली (सुशील कुमार शर्मा)। रवींद्र भवन में साहित्य अकादमी द्वारा आयोजित पुस्तकायन 2024 एक साहित्यिक महोत्सव का अद्भुत उदाहरण था। इस आयोजन में विभिन्न प्रकाशकों ने अपनी अनमोल कृतियों का प्रदर्शन किया और साहित्य प्रेमियों के लिए एक यादगार अनुभव प्रदान किया। इस अवसर पर पुस्तकों की प्रदर्शनी के साथ-साथ कई नई पुस्तकों का लोकार्पण और विभिन्न साहित्यिक विषयों पर परिचर्चा का भी आयोजन हुआ।
डॉ. हरविंदर मांकड़ की दो नई पुस्तकें – “सफ़रनामा 2: ज़िंदगी यूं ही चलती रहे”, जो उनकी जीवन यात्रा का दस्तावेज है, और बच्चों की कहानियों की किताब “मानव और मित्थू की कहानियां”, जो बच्चों के मनोरंजन और शिक्षा को ध्यान में रखकर लिखी गई है – का विमोचन सुप्रसिद्ध कवयित्री और लेखिका डॉ. पूनम मातिया द्वारा किया गया। डॉ. पूनम मातिया ने विमोचन के अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि ये पुस्तकें पाठकों के दिलों को छूने में सक्षम हैं और साहित्य के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करेंगी।
इस आयोजन को सफलतापूर्वक संपन्न करने में एडविक पब्लिकेशन के अशोक गुप्ता की भूमिका अत्यंत सराहनीय रही। मंच संचालन डॉ. स्वाति चौधरी ने अपनी प्रभावशाली वाणी और बेहतरीन शब्दों से किया, जिससे पूरे कार्यक्रम में एक विशेष ऊर्जा का संचार हुआ।
इस साहित्यिक उत्सव में वक्ताओं की सूची भी विशेष रही। अभिनेत्री और लेखिका रोमी शर्मा ने अपनी लेखनी को देश के वीर जवानों को समर्पित बताया और उनके योगदान को रेखांकित किया। युवा लेखक और शिक्षा व बैंकिंग के विशेषज्ञ अर्पित तनेजा ने सामाजिक और आर्थिक विषयों पर अपनी गहरी समझ के साथ सारगर्भित विचार प्रस्तुत किए। वहीं, कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं प्रख्यात लेखिका ऋतु सोनी भगत ने अपने अनुभव साझा किए और साहित्य की महत्ता पर जोर दिया। डॉ. हरविंदर मांकड़ ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा, “किताबें ही जिंदगी हैं। ये हमारी प्रेरणा का स्रोत हैं और जीवन को एक नई दिशा देती हैं। किताबें आज भी हमारी ज़रूरत हैं और भविष्य में भी रहेंगी।” उन्होंने सभी उपस्थित साहित्यप्रेमियों का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने अपना बहुमूल्य समय निकालकर इस कार्यक्रम को सफल बनाया।