कुवैत। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 43 सालों बाद भारतीय प्रधानमंत्री के रूप में कुवैत की ऐतिहासिक यात्रा की। इस यात्रा ने दोनों देशों के संबंधों में एक नई ऊर्जा का संचार किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कुवैत में भारतीय संस्कृति और साहित्य के प्रचार-प्रसार में योगदान देने वाले अब्दुल्ला बैरन और अब्दुल्लातीफ अलनेसेफ से मुलाकात की। दोनों विद्वानों ने भारतीय महाकाव्य ग्रंथों, रामायण और महाभारत का अरबी भाषा में अनुवाद और प्रकाशन कर भारतीय संस्कृति को अरब देशों में लोकप्रिय बनाने का उल्लेखनीय कार्य किया है।
इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने 101 वर्षीय पूर्व भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) अधिकारी से भी भेंट की, जो अपने दीर्घकालीन सेवा और अनुभव के लिए जाने जाते हैं। उनकी मुलाकात ने भारतीय समुदाय के बीच एक विशेष उत्साह और गर्व का संचार किया।
प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा को कुवैत और भारत के बीच सांस्कृतिक, आर्थिक और कूटनीतिक संबंधों को मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। उनके इस दौरे में दोनों देशों के बीच व्यापारिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को और सुदृढ़ करने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री ने कुवैत में भारतीय समुदाय के योगदान की भी सराहना की और उन्हें भारत के विकास और वैश्विक संबंधों का अभिन्न अंग बताया। उनकी यह यात्रा भारतीय प्रवासी और कुवैती नागरिकों के बीच मित्रता और सहयोग की नई मिसाल कायम करने में सफल रही है।