रक्तदाताओं ने किया गंभीर बीमारी से ग्रस्त रोगी को रक्तदान, कहा – “उदासीन रवैया ठीक नहीं, मदद के लिए आगे आना चाहिए”

Photo of author

By Pawan Sharma

गाज़ियाबाद। अखंड भारत मिशन के संस्थापक अश्वनी शर्मा और उपाध्यक्ष गजेंद्र शर्मा ने कैलेंडर नव वर्ष की शुरुआत एक सशक्त और प्रेरणादायक कार्य से की, जब उन्होंने गंभीर बीमारी से ग्रस्त मरीज को रक्तदान किया। यह कार्य न केवल एक जीवन बचाने का प्रयास था, बल्कि यह समाज के प्रति उनकी संवेदनशीलता और जिम्मेदारी का भी प्रतीक था।

अश्वनी शर्मा ने इस अवसर पर रक्तदान सहित कई अन्य समाजसेवी आयोजनों के माध्यम से नववर्ष का स्वागत किया। उन्होंने कहा, “हमें खुशी के हर अवसर को सजीव और उत्साहपूर्वक मनाना चाहिए, किंतु हमारा वास्तविक सनातन नववर्ष उस उच्च उद्देश्य, श्रद्धा और आस्थाशक्ति के साथ मनाया जाना चाहिए, जो हमारी संस्कृति और सामाजिक जिम्मेदारियों को ध्यान में रखते हुए हो। यह अवसर हमें अपने गहरे सांस्कृतिक मूल्यों को फिर से आत्मसात करने और समाज में सार्थक बदलाव लाने की प्रेरणा प्रदान करता है।”

अश्वनी शर्मा ने रक्तदान के माध्यम से एक गंभीर सच्चाई को सामने रखा, जब उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया के माध्यम से रक्त की आवश्यकता का संदेश प्रसारित हुआ, जिसे हज़ारों लोगों ने देखा, किंतु किसी ने भी उस आवश्यकता को पूरा करने के लिए कदम नहीं बढ़ाया। उन्होंने इसे बेहद दुःखद और चिंताजनक बताया, और कहा, “यह वही लोग हैं, जो जब स्वयं को सहायता की आवश्यकता होती है, तो समाज और मानवता पर सवाल उठाने लगते हैं। यह मानसिकता समाज के समग्र विकास में रुकावट डालती है। हमें इसे पूरी तरह से बदलने की आवश्यकता है।”

उन्होंने यह भी कहा कि समाज में एकजुटता, सहानुभूति और मानवता की भावना को प्रोत्साहित करना अत्यंत आवश्यक है। अश्वनी शर्मा ने आगे कहा, “समाज को केवल संकट के समय में नहीं, बल्कि प्रतिदिन के जीवन में भी एक-दूसरे की मदद करने के लिए तत्पर रहना चाहिए। यदि हम सच में दूसरों की मदद करना चाहते हैं, तो हमें सोशल मीडिया के प्रदर्शन से बाहर निकलकर वास्तविक जीवन में सक्रिय रूप से मदद करने के लिए अग्रसर होना चाहिए। और यदि हम दिखावा करना चाहते हैं, तो ऐसा करें, जिससे समाज में सकारात्मक बदलाव आए और लोगों में संवेदनशीलता की भावना जागृत हो।”

रक्तदान के महत्व को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा, “रक्तदान केवल किसी की जीवन रक्षा का माध्यम नहीं है, यह हमारे समाज के प्रति हमारी जिम्मेदारी का प्रतीक भी है। रक्तदान से हम न केवल एक जीवन को नया जीवन दे सकते हैं, बल्कि यह हमारी मानवता और संवेदनशीलता का प्रतीक है। यह दिखाता है कि हम समाज के प्रति कितने जिम्मेदार हैं।”

अश्वनी शर्मा ने अंत में यह भी कहा कि रक्तदान एक उदाहरण मात्र है। हमें हर संकट के समय एक-दूसरे की मदद करने के लिए आगे बढ़ना चाहिए। मूक दर्शक बनने के बजाय, हमें अपने कर्मों से समाज में वास्तविक परिवर्तन लाने का संकल्प लेना चाहिए। “समाज को केवल शब्दों से नहीं, बल्कि कर्मों से बदलने की आवश्यकता है। जब हम केवल बोलने के बजाय कार्य करने की स्थिति में होंगे, तभी हम समाज में वास्तविक प्रगति देख पाएंगे।”

इस पहल के माध्यम से अश्वनी शर्मा ने न केवल एक जीवन बचाया, बल्कि समाज के प्रत्येक सदस्य को प्रेरित किया कि वह अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए समाज की भलाई के लिए आगे बढ़े।

Leave a Comment