
मऊ। एमएलए कोर्ट ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के विधायक अब्बास अंसारी को नफरत फैलाने वाले भाषण के मामले में दोषी करार दिया। अब्बास अंसारी एक चर्चित चेहरा रहे हैं। इस फैसले के बाद उनकी राजनीतिक भविष्य पर कई सवाल उठ रहे हैं। कोर्ट के इस निर्णय का व्यापक असर होने की संभावना है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट डा. कृष्ण प्रताप सिंह ने शनिवार को विधानसभा चुनाव के दौरान भड़काऊं भाषण व चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन के मामले में सदर विधायक अब्बास अंसारी को दो वर्ष का कारावास व ग्यारह हजार रुपया जुर्माना की सजा सुनाई।
वहीं सभी सजाएं साथ साथ चलने तथा जेल में बिताई गई अवधि को समायोजित करने का भी आदेश दिया। षड़यंत्र करने के मामले में अब्बास अंसारी के चाचा मंसूर अंसारी को छह माह के साधारण कारावास के साथ एक हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है।
एसआई गंगाराम बिंद की तहरीर पर शहर कोतवाली में एफआईआर दर्ज हुई थी। इसमें सदर विधायक अब्बास अंसारी व अन्य को आरोपित बनाया गया था। आरोप है कि 03 मार्च 2022 को विधानसभा चुनाव के दौरान सदर विधानसभा सीट से सुभासपा के प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहे अब्बास अंसारी ने जनसभा के दौरान मंच से अधिकारियों को सबक सिखाने की धमकी दी थी। साथ ही दो धर्मो के बीच भड़काऊं भाषण देकर उन्माद फैलाने का आरोप है।