गाजियाबाद। समाजिक चिंतक अश्वनी शर्मा की जन्मतिथि कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि के अवसर पर गाजियाबाद के विभिन्न स्थानों पर पारंपरिक सनातन रीति से बड़े धूमधाम से मनाया गया। इस आयोजन के तहत लक्ष्मी नारायण मंदिर (राजनगर एक्सटेंशन), शिव मंदिर और भगवान परशुराम मंदिर (संजय नगर) में मित्रगणों के साथ पूजा-अर्चना की गई।
इस दिन का महत्व विशेष रूप से गोपाष्टमी के पर्व में भी था, जिसमें अश्वनी शर्मा ने गौ पूजन किया। गौ माता की पूजा के साथ इस दिन को और भी विशेष बना दिया गया।
सामाजिक चिंतक अश्वनी शर्मा ने इस अवसर पर कहा,
“मैं अपनी जन्मतिथि को पारंपरिक हिंदू तिथि और रीति-रिवाजों के अनुसार मनाता हूँ। पहले मैं पश्चिमी संस्कृति के अनुसार जन्मदिन मनाता था, लेकिन समय के साथ समाज के सजग और प्रेरणादायक व्यक्तियों से प्रभावित होकर मेरे मन में बदलाव आया। अब मैं अपनी जन्मतिथि को पूरी श्रद्धा और सनातन रीति से मनाता हूँ।” उन्होंने आगे कहा,”कई सज्जन लोग हिंदी रीति-रिवाजों का पालन करने की बात करते हैं, लेकिन हमें इसे वास्तव में धरातल पर अपनाना चाहिए। तभी समाज में वास्तविक परिवर्तन आएगा।” अश्वनी शर्मा ने यह भी कहा, “यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम सनातन संस्कृति का सम्मान बढ़ाएं और पश्चिमीकरण से मुक्त होकर अपनी पारंपरिक धरोहर को बनाए रखें।”
इस अवसर पर उनके परिवार के सदस्य, मित्रगण और समाज के अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे, जिन्होंने इस सांस्कृतिक पहल का समर्थन किया और इस दिन को विशेष रूप से मनाने की सराहना की।