संस्कृत के माध्यम से ही भारत विश्वगुरु बन सकता है- कौशल किशोर

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By Pawan Sharma

दिल्ली,(सुशील कुमार शर्मा)। वैश्विक संगठन संस्कृत भारती के उत्तर क्षेत्र द्वारा 7 जून 2025 से 18 जून 2025 तक द्वादश दिवसीय क्षेत्रीय प्रशिक्षण वर्ग का आयोजन दिल्ली के ए एस एन वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, मयूर विहार फेस -1 में किया जा रहा है। संगठन की संरचना के अनुसार उत्तर क्षेत्र में जम्मू -कश्मीर, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली पांच प्रान्तों की गणना की जानी है।उत्तर क्षेत्र के इस वर्ग का उद्घाटन कार्यक्रम 8,जून 2025 को मयूर विहार दिल्ली स्थित ए एस एन वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के सभागार में संपन्न हुआ। जिसमें संगठन पक्ष से मुख्य वक्ता के रूप में संस्कृत भारती उत्तर क्षेत्र के मंत्री कौशल किशोर तिवारी , संस्थापक /राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री खाटू श्याम दिल्ली धाम , मुख्य अतिथि के रूप में घनश्याम गुप्ता जावेरी , सारस्वत अतिथि के रूप में श्री निवास, गुरुकुल के अध्यक्ष स्वामी जनार्दन आचार्य , विशिष्ट अतिथि राधाकृष्ण गौशाला के प्रमुख स्वामी मंगल दास , कार्यक्रम की अध्यक्षा ए एस एन विद्यालय की प्राचार्या श्रीमती स्वर्णिमा लूथरा आदि की उपस्थिति रही। मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित कौशल किशोर ने अपने वक्तव्य में बताया कि संस्कृत के द्वारा समाज का जागरण हो रहा है और संस्कृत के द्वारा भारत विश्व गुरु पद पर आसीन होगा। भारत विश्व गुरु था इसके मूल में भी संस्कृत ही कारण थी। अतः 10 दिवसीय संभाषण शिविर के माध्यम से पुनः भारत विश्व गुरु के पद पर आसीन हो, यही संस्कृत भारती का संकल्प है संस्कृत के द्वारा समाज में व्याप्त विभिन्न समस्याओं का समाधान संभव है। उन्होने कहा कि भारत के प्रत्येक जनपद में संस्कृत भारती का कार्य है।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पधारे प्रसिद्ध मंदिर खाटू श्याम धाम के संस्थापक/राष्ट्रीय अध्यक्ष घनश्याम गुप्ता जावेरी ने संस्कृत भारती के कार्यों की भूरि -भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि इस प्रकार के कार्य से निश्चित रूप से समाज में जागृति आएगी और हम सभी सामाजिक जन इसमें बढ़ -चढ़कर भाग लेंगे तो निश्चित रूप से हमारा भारत पुनः विश्व ग्रुरू के पद पर प्रतिष्ठित होगा।सारस्वत अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित दोनों ही विशिष्ट व्यक्तित्व के द्वारा सभी शिविरार्थियों को संस्कृतमय परिवेश का लाभ उठाते हुए भाषा अभ्यास और भाषा प्रसार के लिए प्रोत्साहित किया गया। स्थानीय विद्यालय की प्राचार्य श्रीमती स्वर्णिमा लूथरा ने मानव जीवन में श्रेष्ठ व्यक्तित्व निर्माण हेतु संस्कृत भाषा के महत्व को स्वीकार करते हुए कहा कि वे स्वयं अपने विद्यालय में संस्कृत भाषा के उत्कृष्ट पठन और पाठन की व्यवस्था के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। बारह दिन चलने वाले इस प्रशिक्षण वर्ग में पांच प्रान्तों से लगभग 150 शिवरार्थी, प्रान्तीय प्रबोधन वर्ग में 70 शिक्षार्थी तथा लगभग 60 प्रबन्धक शिक्षक कुल मिलाकर 270 संस्कृत कार्यकर्ता भाग ले रहे हैं।

कार्यक्रम का संचालन दिल्ली प्रान्त के प्रशिक्षण प्रमुख आशुतोष ने दिया एवं अतिथियों का परिचय दिल्ली प्रान्त के मन्त्री देवकीनंदन द्वारा करवाया गया।

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