
गाज़ियाबाद। पाल रोड, बाईपास बिहारीपुरा स्थित शिवांश पैलेस में मानव उत्थान सेवा समिति के तत्वावधान में आयोजित सत्संग समारोह में आध्यात्मिक गुरु श्री सतपाल महाराज जी की आत्मानुभवी शिष्याएं, महात्मा भूमिकाबाई जी व महात्मा संयुक्ताबाई जी ने श्रद्धालुओं को सत्संग का महत्व बताया।
महात्मा भूमिकाबाई जी ने सत्संग की महिमा का वर्णन करते हुए कहा, “जिस प्रकार रोगी को ज्वर होने पर भूख नहीं लगती, ठीक उसी प्रकार जब व्यक्ति पाप कर्मों में लिप्त होता है, तो उसे सत्संग अच्छा नहीं लगता।” उन्होंने *रामचरितमानस* का उदाहरण देते हुए बताया कि भीलनी को प्रभु श्रीराम ने नवधा भक्ति का ज्ञान दिया था, जिसमें पहली भक्ति संतों का संग और दूसरी भगवान की चर्चा, कथा व प्रसंगों का श्रवण है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सत्संग से ही सतगुरु मिलते हैं और सतगुरु की सेवा व ज्ञान से ही परमात्मा की प्राप्ति संभव है।
महात्मा संयुक्ताबाई जी ने श्रद्धालुओं को गुरुदरबार की सेवा, भजन और ध्यान करने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि नियमित रूप से भजन, सेवा और ध्यान से आत्मिक शांति मिलती है और जीवन में सकारात्मकता आती है।

इस अवसर पर बड़ी संख्या में स्थानीय श्रद्धालु व गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। कार्यक्रम में विशेष रूप से रामकुमार, अनिल कुमार, जगदीश कुमार, रामदास, देवतादीन, संगीता पाल आदि कार्यकर्ता प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
सत्संग समारोह भक्ति, शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण रहा, जिसमें सभी श्रद्धालुओं ने भावपूर्वक भाग लिया।