गाजियाबाद। शिवशक्ति धाम डासना के पीठाधीश्वर व श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी के विरुद्ध प्रयागराज उच्च न्यायालय में हजरत ख्वाजा गरीबनवाज वेलफेयर एसोसिएशन महाराष्ट्र के सचिव मोहम्मद यूसुफ और उसके एक और साथी के द्वारा दायर की गई जनहित याचिका में सौ सनातनी धर्म गुरु अपना शपथपत्र दाखिल करेंगे।यह बात शिवशक्ति धाम डासना में एक प्रेस वार्ता के माध्यम से साधु संतों और हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने रखी।प्रेस वार्ता में महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी के साथ महेश आहूजा, डॉ उदिता त्यागी,अनिल यादव,मोहित बजरंगी, अजीत मलिक, अशोक मित्तल तथा अन्य बंधु गण उपस्थित थे।
संत समाज की ओर से श्रीमहंत राघवेंद्र पुरी, श्रीमहंत मच्छेंद्र पुरी महंत कमल गिरी, साध्वी आस्था मां तथा अन्य संत उपस्थित थे। प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज ने कहा कि वो शिवशक्ति धाम डासना में सम्पूर्ण विश्व के इस्लामिक विद्वानों को विनम्रता के साथ शास्त्रार्थ के लिए आमंत्रित कर रहे हैं। इस्लाम की आधिकारिक पुस्तकों कुरआन और हदीस में मोहम्मद और मोहम्मद के अनुयायियों द्वारा गैर मुस्लिमों के साथ किया गया व्यवहार आज सारी दुनिया को पता चलना ही चाहिए क्योंकि जो कृत्य मोहम्मद ने किए हैं, वो ही विश्व का प्रत्येक मुसलमान को करना ही होगा। आज सम्पूर्ण विश्व को पता चलना ही चाहिए कि दुनिया की ज्यादातर बड़ी मस्जिदें दूसरे समुदायों के पूजा उपासना स्थल को तोड़कर बनाया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि वो कल ही प्रयागराज उच्च न्यायालय में उनके विरुद्ध हुई जनहित याचिका पर अपना शपथपत्र भेजेंगे।
प्रेस वार्ता में बालाजी मंदिर हिंडन विहार के श्रीमहंत मच्छेंद्र पूरी महाराज ने कहा कि मोहम्मद और इस्लाम को लेकर महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज का पक्ष जानने की आवश्यकता है। यदि उनकी बाते सच है तो यह बहुत ही भयानक है। अगर उनकी बात सच नहीं है तो उन्हें इसका दंड मिलना चाहिए।इसीलिए संत समाज प्रयागराज उच्च न्यायालय में हजरत ख्वाजा गरीबनवाज वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से डाली गई, जनहित याचिका का समर्थन करता है। हम भी सौ संत अपनी ओर से शपथपत्र देकर प्रयागराज उच्च न्यायालय से दूध का दूध और पानी का पानी करने का अनुरोध करेंगे।
प्रेस वार्ता में श्रीमहंत राघवेंद्र पुरी कहा कि आज सम्पूर्ण विश्व के लिए इस्लाम और मोहम्मद की सच्चाई जाना बहुत जरूरी है। इसके लिए मुस्लिम धर्मगुरुओं को हमारा सहयोग करना चाहिए।